Wednesday, February 4, 2015

हकीम दानिश से कुछ मालूमात

कड़वे घूँट

व्हाट्स-एप पर कुछ इस तरह के मेसेज बारहा देखने को मिलते है..
"इस लिंक पर जाकर वोटिंग करो फलां मेगज़ीन दुनिआ के टॉप 10 मज़हबों की वोटिंग करा रही है इस्लाम अभी सिर्फ फलां नंबर तक पहुंचा है....एक मेसेज आता है की दुनिआ के 10 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की वोटिंग हो रही है हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अभी 6 टे नंबर पर है(मआज़ अल्लाह)एक मेसेज आता है फलां कम्पनी ने अल्लाह की शान में गुस्ताख़ी की है,फलां मेगज़ीन ने की है इस फोटो को खूब शेयर करो........"

ऐ मुसलमानो ज़रा अपनी ख़ुराक तो टटोलो कही हम घास फूंस तो नही खा रहे है क्या ???
अरे नादानों दुनिया के तमाम मज़हबों का सरदार इस्लाम क्या वोटिंग के ज़रिये अब अपनी सदारत बताएगा ????
जिनके दर पर तमाम बादशाहो का सर झुक जाता है वो नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को हम वोटिंग के ज़रिये मक़ाम देंगे ???

याद रखो मेरे करीम की ज़ाते अक़दस किसी दुनयावी वोटिंग की मुहताज नही है...खुद रब ने क़ुरआन ए पाक में "व र फ़ाअना लका ज़िकरक " नाज़िल फ़रमा कर रहमतुल्लिलालमीन का मक़ाम बता दिया है.....क्यों दुश्मनो का काम खुद अपने हाथो से कर रहे हो यार...??? इल्मे दीन हासिल करो, दुनयावी रंगलरेलियो से बचो, ईमान पुख़्ता रखो यार.....दिमाग़ से काम लो यार...फड़कना बंद करो अगर नबीये करीम का मर्तबा दुनिया वालो को बताना है तो अपने अख़्लाक़ से बताओ...
नमाज़ का एहतिमाम करो, नज़रो की हिफाज़त करो, हम अपने आमालो से, अऊर अपनी हरकतों से पूरी दुनिया में इस्लाम का नाम खराब कर रहे है.....दो मुहे है हम....हम ज़ाहिर में और है बातिन में कुछ और है.....हम सारे इस्लामिक सिर्फ व्हाट्स-एप पर ही है....जितना यहाँ इस्लाम-इस्लाम चिल्लाते हेना ! काश उसका कुछ पर्सेंट ज़िन्दगी में उतार लेते जो आज के दौर में जरुरी हे...याद रखो दवा कड़वी है लेकिन पिलाना ज़रूर है शायद अब इसी से इलाज होगा हमारा......

जारी है कड़वे घुट आगे भी......इन्शाअल्लाह

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