Friday, April 3, 2015

जमात से नमाज़ ना पढ़ने वालो के घरो को आग

अल्लाह के रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने इरशाद फरमाया.

हज़रत अबू हुर्रेरा रज़ी. से रिवायत है
अल्लाह के रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने इरशाद फरमाया
कपटीयो पर फज्र और ईशा की नमाज़ से ज़्यादा भारी कोई नमाज़ नही होती अगर उन्हे पता चल जाए की दोनो नामज़ो का सवाब कितना ज़्यादा है तो उन दोनो नमाज़ में ज़रूर आते चाहे घुटनो के बाल ही आना पढ़ता.

मेने इरादा किया की मुअजजीन को हुक्म दू की वो ईकामत कहे फिर एक आदमी को हुक्म दू की वो ईमामत कराए और में खुद आग का एक शोला लेकर उन लोगो के घर को जला दू जो उस अज़ान और ईकामत के बाद नमाज़ के लिए घर से नही निकलते.
हदीस (सहीह बुखारी : 383)

अल्लाह के रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने इरशाद फरमाया.
कयामत के दिन अल्लाह के हक़ो मे से सबसे पहले नमाज़ का हिसाब होगा.
हदीस (सहीह सुनन तिर्मीज़ी : 337)

खुलासा कलाम ये है के अल्लाह के रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने उन लोगो के घरो को आग लगाने को कहा जो जमात से नमाज़ नही पढ़ते है.

अल्लाहो आलम उनका मामला क्या जो लोग नमाज़ ही नही पढ़ते.

अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता करे अमीन
हकीम दानिश

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