सुना है। आज से 8 बे दिन लगभग आधी दुनिया ख़त्म हो रही है।
सिर्फ वही बचेगा जो पासवर्ड इस्तेमाल करेगा और
अपने खिड़की दरवाज़े बंद करलेगा ओ सुतियो अफवाह फैलाने वालो।
अब ये बता दो जो गरीब है। जिनके दरवाज़े नहीं है। जिनकी खिड़की नहीं है।
वो कहा जाये वो क्या करे उनके लिए। भी कोई पासवर्ड है क्या। या उनका पक्का वारंट है।
के उन्हें। अब जाना ही है। हद तो तब हो गयी। जब मेने पर्चे छपे हुए देखे।
मुझे ये भी बता दो के। के तुम्हारी मौत अल्लाह की तरफ से है तो क्या मलिकुल मौत तुम्हारा दरवाज़ा
खिड़की बंद देख के लौट जायेंगे। सुना है लोगो ने सामान खरीदना भी बंद कर दिया है।
के अब 15 के बाद ही अगर बच गए तो खरीदेंगे। इतनी दहशत फ़ैल चुकी है।
उस दिन उस आवाज़ से तो नहीं दहशत से ज़रूर बहुत से लोग मर जायेंगे।
क्योंकि हमारे यहाँ अन्धविश्वाश ऐसे भरा हुआ है। जैसे मानो। बोरी में मटर। ऐ लोगो।
अगर मौत लिखी है तो फिर चाहे कुछ भी पढलो कही भी चले जाओ। मौत पीछा नहीं छोड़ेगी।
अगर 10 ताले भी लगा लोग तो मौत वहा भी पहुच जायेगी।
कम से कम ये बात ही सोचो
किसी के भी घर के दरवाज़े की मोटाई लगभग लगभग एक या दो इंच से ज़्यादा नहीं होगी अरे अगर कोई बहार से आवाज़ दे वो भी हलके से। तो भी आ जाती है।
सोचो जो आवाज़। पुरे देश में बुलंद हो तो उसे क्या एक 2 इंच का लकडी का दरवाज़ा रोक सकता है। खैर इंशाअल्लाह आज के दिन देख लेंगे।
इसलिए खामखा की बातो पे ध्यान न दे कर आराम से माह ऐ रमज़ान की नेअमतो और
बरकतों को लूटो। अल्लाह की इबादत करो रोज़े रखो और दुआ करो
अगर ऐसा कुछ है तो वो टल जाये। और फिर भी खौफ ज़्यादा है। दिल में डर बैठ चुका है।
तो एक कफ़न भी खरीद लो। और उस दिन नहा धो के कफ़न पेहेन के रहना।
क्योंकि जब सब मर जायेंगे तो आपको नेहलायेगा कोंन कफ़न कौन पेहनायेगा।
हकीम दानिश बिदअती
15 वे रोज़े को आवाज़ की अफवाह का जवाब
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