जब छोटा था तब दोस्तों के साथ
बीच पर नहाते हुए एक बुज़ुर्ग से सुना था
बेटा ज़्यादा गहराई में मत जाना
डूब सकते हो समुन्दर में जो
ज्यादा गहराई में गया वो डूब
ही गया उस वक्त नादान थे हम
नहीं समझे पर आज जब लोगो को इस्लाम में दाखिल होते हुए
देख रहा हु तो वो बात अब समझ आ रही है की वो क्या
कहना चाह रहे थे जिसने इस्लाम की गहराई को समझ लिया वो
इसमें डूब ही गया भाइयो मेरा तो यही मानना है की बुज़ुर्गो की एक बात के हज़ारो
मतलब होते है जो वक्त के साथ साथ समझ आते है
हकीम दानिश
इस्लाम
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Islamic Dini Malumat
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