फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़
फिरएकज़रा सीबातपरजीनापड़ामुझे।
******
तू बिन बताये मुझे ले चल कहीं…..
जहाँ तू मुस्कुराये मेरी मंजिल वहीं…!!
********
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ..
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम ………….
और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है………………
********
सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी…
********
प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि तुटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.
********
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..
********
रिश्तेदारी भी टेलीफोन है आज
सिक्का डालो तो बात होती है…
********
मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो..,
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये..
*******
“क्या खूब होता जो यादें भी रेत होतीं,
मुट्ठीसे गिरा देते पाँवों से उड़ा देते”
********
एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो…
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा!!!
********
ना पीछे मुड़ के तुम देखो. ना आवाज़ दो मुझ को….
बड़ी मुश्किल से सीखा है …तुमको अलविदा कहना..
********
नींद भी मोहब्बत बन गयी है,
बेवफा रात भर नहीं आती ..
********
कितना अच्छा होता .. अगर हर दिन की समाप्ति पर… जिंदगी पूछती……
Save changes??
“Yes/No
********
तू बहते पानी सी है, हर शक्ल में ढल जाती है,,
मैं रेत सा हूँ… मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते.
********
बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम..
खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते.!!
*******
न जाने किस के मुकद्दर में लिखे हो तुम मगर,
ये सच है की उमीदवार हम आज भी हैं..
*******
अब हम इश्क के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं
जहां दिल किसी और को चाहे भी तो गुनाह होता है..
*******
हवस ने पक्के मकान, बना लिये हैं जिस्मों में.. ।
और सच्ची मुहब्बत किराये की झोपड़ी में, बीमार पड़ी है आज भी.. ।।
********
दम नहीं किसी में,जो मिटा सके हमारी हस्ती को,
जंग तलवारो को लगती है,नेक इरादो को नहीं!!
********
प्यार तो जिंदगी का एक अफसाना है,
इसका अपना ही एक तराना है,
सबको मालूम है कि मिलेंगे सिर्फ आंसू,
पर न जाने क्यों, दुनियां में हर कोई इसका दीवाना है.
********
यहाँ मेरा कोई अपना नहीं है..
चलो अच्छा है कुछ ख़तरा नहीं है !!
*******
ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है….
*******
जब से देखा है चाँद को तन्हा.,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही.!
*******
उम्रकैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते….
जहाँ जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही….
*******
हकीक़त थी,
ख्वाब था
या तुम थे,
जो भी था,
हम तो उसी में गुम थे…!!!”
******
और कब तक खेलेगा तू मुझसे मेरे खुदा………..
अब तो अपना खिलौना बदल ले!!
या में खुदा बदल दू।।।
*******
ज़रा संभल कर लगाना डुबकी
प्यार के सागर में , ऐ दोस्त !
वो किस्मत वाले होते हैं
जिन्हें साहिल मिला करता हे….
*******
” हमेशा हँसते रहिये,एक दिन ज़िंदगी भी
आपको परेशान करते करते थक जाएगी ।”
*******
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और..
आज कई बार.. बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
*******
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है..
*******
मत सोचना मेरी जान से जुदा है तू;
हकीकत में मेरे दिल का खुदा है तू।
*******
कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते…
*******
दर्द से जाने ये कैसा मेरा नाता है,,
इंतजार करू गर वक्त बदलने का,,
वक्त से पहले दर्द बदल जाता है…
*******
इस दिल की तसल्ली के लिए बस इतना ही काफी है,
जो हवा तुमको छुती है मैं उससे ही साँस लेता हूँ।।
*******
चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,
दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी।।
*******
ज़िस्म से मेरे तडपता दिल कोई तो खींच लो;
मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब ये यकीन है…
*******
ए नींद अब ले चल मुझे ख्वाबों की वादियों में,
कि कब से बैठा हुं मैं तैयार दीदार-ए-यार के लिये.
*******
नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है..
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में..
*******
क्या ज़रुरत थी दूर जाने की
पास रह कर ही तुम सता लेते…
*******
मेरे दिल से खेल तो रहे हो Tum ,
पर, जरा सम्भल के pls ,
Ye Thoda टूटा हुआ है ;
कहीं Tumhe लग ना जाए .
*******
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो;
चार किताबें पढ़कर वो भी हमारे जैसे हो जाएंगे।
*******
सांपो के मुक़द्दर में वो ज़हर कहाँ,
जो ईन्सान अदावत में उग़लता है….!!!!
*******
घांव इतना गहरा है बयां क्या करे,
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे,
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें,
अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे.
*******
वो परिंदा था..खुले आसमां में उड़ता था..
इश्क हुआ..सुना अब जमीं पे रेंगता है…
*******
शक है उनको रात में कहीं चूम ना ले हम….
गालों पे हाथ रख के सोयी होंठों को वैसे ही छोड़दिया ….
*******
हक़ीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी,
फिर भी ख्वाहिश है कि…
एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए…
*******
कोई इल्ज़ाम रह गया हैं तो, वो भी दे दो,
पहले भी बुरे थे हम, अब थोड़े और सही..
*******
होसला उसमे भी न था यु मुझसे जुदा होने का,
वर्ना काजल उसकी आखो में यु ना फेला होता.
*******
मैं खुद कभी बेचा करता था दर्दे दिल की दवा…
पर ए दोस्त…
“आज वक़्त मुझे अपनी ही दुकान पर ले आया…!!
*******
मेरी जरुरत ओर ख्वाहिस दोनो तूम हो..
अगर रब की कभी महेर बानी हुई ..
तो कोई ऐक तो पुरी होगी…
*******
सालो गुजर गए रोकर नहीं देखा
आँखों में नींद थी सोकर नहीं देखा
वो क्या जाने दर्द मोहोबत का
जिसने कभी किसी को खोकर नहीं देखा.
*******
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,
के ज़ख़्म ताज़ा रहे और निशान चला जाए..
*******
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी….
फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं लोग…
*******
जानता हूँ खुद को…
इसलिए खुद से बहस नहीं करता…
*******
मैं झुक गया तो वो सज़दा समझ बैठे,
मैं तो इन्सानियत निभा रहा था,
वो खुद को ख़ुदा समझ बैठे।
*******
कोई बात तो है तुझमें ज़ुदा सी,
देखूँ जितना भी तुझे कम ही लगता है।
*******
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझ से वाकिफ है मगर
रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है….
*******
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे;
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों।
*******
दोस्तों—-
मजाक और पैसा काफी सोच समज
कर उडाना चाइए…
*******
नींद और मौत में क्या फर्क है.?
किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है.
“नींद तो आधी मौत है”,
और
“मौत मुकम्मल नींद है”
*******
गुज़र गया आज का दिन भी यूं ही बेवजह…
ना मुझे फुरसत मिली,
ना तुझे ख़्याल आया…!!!
*******
तेरी आँखों की तौहीन नहीं तो और क्या हे यह…
मैंने देखा, तेरे चाहने वाले, कल शराब पी रहे थे..
*******
“हर बात मानी है तेरी सर झुका कर ए जिंदगी,
हिसाब बराबर कर…. तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी”
*******
कश्ती के मुसाफिर ने समँदर नहीँ देखा ।
आँखो को देखा पर दिल के अन्दर नहीँ देखा ।
पत्थर समझते है मुझे मेरे चाहने वाले ।
हम तो मोम थे किसी ने छुकर नहीँ देखा ।
*******
“दील से लिखी बात दील को छू जाती है,
ये अक्सर अनकही बात कह जाती है,
कुछ लोग दोस्ती कॆ मायनॆ बदल दॆतॆ है,
और कुछ लोगो कि दोस्ती सॆ दुनिया बदल जाती है.”
*******
सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है.
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है.
*******
शराबी अच्छे हैं दुनियादार लोगों से . . .
ग्लास जरूर तोड़ते हैं लेकिन दिल नहीं . . .
*******
एक निवाले के लिए मैंने जिसे मार दिया,
वह परिन्दा भी कई दिन का भूखा निकला ।
*******
वो कहते हैं न …
कि कुछ सोच लो बेहतर…
तो बेहतर होगा …
मैंने सोचा कि बेहतर है…
तुझे सोचूं ..
तुझसे बेहतर क्या होगा..!!
*******
किसने माँगी थी इन आँखों से रिहाई
जाने किस ज़ुर्म की सज़ा है ये जुदाई …
*******
मेरी यादों की कश्ती उस समुन्दर में तैरती है,
जहाँ पानी सिर्फ और सिर्फ मेरी पलकों का होता है..
*******
ऐ बेखबर यु बेवजह बेरुखी ना किया कर,
कोई टूट के बिखर सा जाता है,
इक तेरे यु लहजा बदलने के मजाक से……….
*******
मैं तो ज़हर भी पी लूँगा इक तेरी ख़ातिर,
फ़राज़
पर शर्त है, तू सामने बैठ मेरे,,, मेरी साँसों के टूटने तक……
*******
मेरे जखमों पर मरहम नालगाओ, हमें मजा आता है.
हर चीख के साथ तेरा चेहरा जो नजर आता है..!
*******
तेरे चले जाने के बाद
मोहब्बत नहीं की किसी से
छोटी सी जिन्दगी में
किस किस को आजमाते…
*******
मत किया करिये दिन के उजालों की ख्वाहिशें ऐ हजूर,
ये आशिक़ों की बस्तियाँ हैं यहाँ सूरज से नहीं, दीदार से दिन निकलता हैं।
*******
अंत में लीखी है दोनों की बर्बादी,
आशीक़ हो या हो कोई आतंकवादी…
*******
फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार टूट जाते हैं…!
कब्रे कितनी ही सवारो कोई ज़िंदा नहीं होते हे…!!
*******
आज रब से मुलाकात की;
थोड़ी सी आपके बारे में बात की;
मैंने कहा क्या दोस्त है;
क्या किस्मत पाई है;
रब ने कहा संभाल के रखना;
मेरी पसंद है, जो तेरे हिस्से में आई है…..
*******
हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो….
मेरे होश ही उड़ा दिये..!
मेरा हाथ देख कर बोला…
“तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी…
*******
इज़ाज़त हो तो कुछ अर्ज़ करूँ ??
खेल चुके हो तो ” दिल” वापस कर दो…
*******
तकदीर को जब बदलना है,बदल जायेगी…
फिलहाल लगा हुआ हुँ आदत बदलने में”!
*******
जिस जिस को भी सुनाते है हम अपना अफसाना ए उल्फत।
हर शख्स अपनी आपबीती समझ कर रोने लगता है।।
*******
हर बार मुकद्दर को को कुसूरवार कहना अच्छी बात नहीं ,
कभी कभी हम उन्हें मांग लेते है जो किसी और के होते है …….!!
*******
निगाहों से भी चोट लगती है
जब हमें कोई देखकर भी अनदेखा कर देतें हैं !!
*******
कितना नादान है ये दिल,
कैसे समझाऊँ की जिसे तू खोना नही चाहता,
वो तेरा होना नही चाहता……
*******
सुना है दुआओं की क़ीमत नहीं होती
फिर भी कारोबार इसका खूब चलता है…
*******
दुश्मनों से मुहब्बत होने लगी है मुझे,
जैसे-जैसे दोस्तों को आज़माता जा रहा हूँ मैं…
*******
आइना देखा जब ,तो खुद को तसल्ली हुई…
ख़ुदग़र्ज़ी के ज़माने में भी कोई तो जानता है हमें।
*******
मैंने बचपन में एक बार माँ से कहा, मां कचरेवाला आया है,
मां ने जवाब दिया, बेटा कचरे वाले तो हम हैं,वो तो सफ़ाई वाला है,
*******
दिल से बाहर निकलने का रास्ता तक ना ढूंढ सकी वो,
दावा करती थी जो मेरी रग रग से वाकिफ होने का….
*******
क्या बात है बड़े चुप चाप से बैठे हो,
कोई बात दिल पे लगी है या दिल लगा बैठे हो…
*******
दिल से बाहर निकलने का रास्ता तक ना ढूंढ सकी वो,
दावा करती थी जो मेरी रग रग से वाकिफ होने का..
*******
तुम मेरे रूठने पर इस तरह मनाती हो…
कभी तो ज़ी चाहता है बे-वजह तुमसे रूठ जाऊं…!!
*******
मरने की लाखो वजह देती है दुनिया
पर जीने की वजह तो बस एक तू है ..
******
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है …!!!
*******
कौन कहता है कि दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है;
तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती है…
*******
रफतार मेरी जिंदगी की तब रूक जाती है…
जब सामने आकर नजर तेरी जुक जाती हे…
*******
“लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं.”
*******
थोड़ी बहुत मुहब्बत से काम नहीं चलता ऐ दोस्त,
ये वो मामला है जिसमें या सब कुछ या कुछ भी नहीं..!!
*******
उनका ईश्क चाँद जैसा था !
पुरा हुआ……. तो घटने लगा…!!
*******
अनकहे शब्दों के बोझ से थक जाता हूँ कभी…..
ना जाने खामोश रहना समझदारी है या मजबूरी..??..!!!
*******
खुशी कहाँ हम तो गम चाहते है,
खुशी उसको दे दो,
जिसको हम चाहते है .
*******
तेरी दोस्ती की आदत सी पड़ गयी है मुझे,
कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है।
शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी कि रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।
*******
आपको मिस करना रोज़ की बात हो गई,
आपको याद करना आदत की बात हो गई,
आपसे दूर रहना किस्मत की बात हो गई,
मगर इतना समझ ऐ मेरे प्यारे अजीज की
आपको भूलना, अपने बस से बहार की बात हो गई,
*******
प्यार को जब प्यार से प्यार हुवा
तो प्यारने प्यारको प्यारसे पुछाः
प्यार केसा होता है ?
तो प्यारने प्यारको प्यारसे कहाः
जो ईश प्यारीसी शायरी को पढ रहा है
प्यार उनके जैसा प्यारा होता है….
*******
तुमसा कोई दूसरा जमीन पर हुआ.
तो रब से शिकायत होगी ….
एक तो झेला नहीं जाता
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी…
*******
तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वहीँ से शुरू होती है जिंदगी हमारी,
नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी.
********
तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है,
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे, तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है.
*******
मुझे इस बात का गम नहीं कि बदल गया ज़माना,
मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो, कहीं तुम ना बदल जाना.
*******
दिल टूटा तो, एक आवाज आई, चीर के देखा, तो कुछ चीज निकल आई !
सोचा क्या होगा, इस खाली दिल में , लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर नज़र आई !!
*******
” ज़िंदगी ने सब कुछ ले-दे कर इक यही बात सिखायी है…,
ख़ाली जेबों में अकसर हौसले खनकते हैं…”
*******
वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर ..
जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर…..!
********
क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का……
मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..!!!!!!
********
“यादों में तेरी आहे भरता हैं कोई,
हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई,
मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन,
तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई.”
********
कुछ ठोकरों के बाद समझदार हो गए,
अब दिल के मशवरों पर अमल नहीं करते..
********
भगवान से वरदान माँगा
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो,
अचानक दोस्त
कम हो गए…
*******
सोचता हूं क्या उसे नींद आती होगी..
या मेरी तरह सिर्फ अश्क बहाती होगी..
वो मेरी शक्ल मेरा नाम भुलाने वाली..
अपनी तस्वीर से क्या आंख मिलाती होगी…..
*******
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
*******
जीँदगी हो या शतरंज, मजा तभी है दोस्त,……
जब रानी मरते दम तक साथ हो…….
*******
“दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं
हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है
जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना
हम तुम्हे याद किया करते हैं “
*******
“हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर,
ग़ालिब ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे”
******
तू देख या न देख, तेरे न देखने का ग़म नहीं ।
पर तेरी ये न देखने की अदा, देखने से कम नहीं…
******
“मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है;
मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है”
********
लोग वाकिफ हे मेरी आदतों से ..
रुतबा कम ही सही पर, लाजवाब रखते है……
*******
मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है
तुम भी होते, अच्छा होता..
*******
खुबसुरती के तो हर कोई आशिक होते हैँ।
किसी को खुबसुरत बनाकर इश्क किया जाय तो क्या बात है.
*******
“दुनिया में बहुत से लोग आईना देख कर डर जाते,
……….अगर……….
आईने में चेहरा नहीं चरित्र दिखाई देता…..!!
*******
तन्हाई में भी कहते है लोग,
जरा महफ़िल में जिया करो.
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में,
और कहते है जरा तुम कम पिया करो….
*******
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया…
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती…
*******
सूरज ढला तो, कद से ऊँचे हो गए साये,
कभी पैरों से रौंदी थी, यही परछाइयां हमने…
******
ये मोहब्बत का बंधन भी कितना अजीब होता है
मिल जाये तो बातें लम्बी, और बिछड़ जाये तो यादें लम्बी….!!
*******
तौहीन न करना कभी कह कर “कड़वा” शराब को…
किसी ग़मजदा से पूछियेगा इसमें कितनी मिठास है…
*******
कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर सामने तो रहो…..
तुम अपने गुरूर में खुश, और हम अपने सुरूर में खुश !!!!
******
रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना,
शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना.
*******
हाँ वो तुमने इक दवा बतलायी थी गम के लिए,
गम तो ज्यूँ का त्यूं रहा बस हम शराबी हो गए ….!
*******
फर्क बस अपनी अपनीसोच का है….
वर्ना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती….!!
*******
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हंस कर…
यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद…
*******
हमारे होसलो की दाद दुनिया को आँधिया देंगी।
अभी इज्ज़त से हमारा नाम तूफान लेता है।
*******
हम ने एक असूल पे सारी उम्र गुज़ारी है;
जिस को अपना जान लिया फिर उस को परखा नहीं..
*******
वो कहते हैं हम उनकी झूठी तारीफ़ करते हैं
ऐ ख़ुदा एक दिन आईने को भी ज़ुबान दे दे..
*******
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं!”
*******
आँख उठाकर भी न देखूँ, जिससे मेरा दिल न मिले;
जबरन सबसे हाथ मिलाना, मेरे बस की बात नहीं…
******
दो दिन का कर के इश्क़ ज़िन्दगी भर का ग़म दे दिया..
कमबख्त इतना सूद तो किसी मुनीम ने भी ना लिया…
*******
अपने बस में कुछ नहीं, इतना कहना मान..
वक़्त बजाए डुगडुगी, नृत्य करे इन्सान !!
*******
मेरी यादों से अगर बच निकलो तो वादा है मेरा तुम से ,
मैं खुद दुनिया से कह दूँगा कमी मेरी वफ़ा में थी …
*******
मुझ से दुरीयां बना कर तो देखो,,
फिर पता चलेगा िकतना नज़दीक़ हुँ मै..
*******
अंजाम कि परवा होती तो हम इश्क करना छोड देते…..
इश्क ज़िद करता है और ज़िद के हम पक्के है….!
******
कुछ लोग मुझे अपना कहा करते थे,
सच में वो लोग सिर्फ कहा करते थे।
*******
मैं न अन्दर से समंदर हूँ न बाहर आसमान,
बस मुझे उतना समझ जितना नज़र आता हूँ मै ……
*******
मै फिर से निकलूँगा तलाशने को मेरी जिन्दगी में खुशियाँ यारों……
दुआ करना इस बार किसी से मोह्हबत ना हो ..
*******
मेरे पास ही था उनके ज़ख्मों का मरहम।
.
मगर . . . .
.
बड़े शहरों में कहाँ छोटी दुकान दिखाई देती है।
*******
आज जा कर के उसने, सच में भुलाया है मुझे…
वरना ये हिचकियाँ , पानी से तो नहीं जाती थीं…!!
*******
उम्र ए जवानी फिर न मुस्कुराई बचपन की तरह,,
मेने साइकिल भी खरीदी,
और खिलोने भी खरीद कर देख लिये..
*******
ज़िन्दगी में अपना पन तो हर कोई दिखाता हे,,
पर…अपना हे कौन…यह वक़्त बताता हे…
*******
“सफर में मुश्किलें आऐ, तो हिम्मत और बढ़ती है,
कोई अगर रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है,
अगर बिकने पे आ जाओ, तो घट जाते है दाम अक्सर
ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है…
*******
प्रभू को भी पसंद नहीं सख्ती बयान में…
इसी लिए हड्डी नहीं दी, जबाऩ में..|।।
*******
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की,
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं..
*******
मुकद्दर मे रात की नींद मुनासिब नहीं तो क्या हुआ,,
हम भी मुकद्दर को धोखा दे कर दिन मे सो जाते है.
*******
इतनी वफादारी ना कर किसी से, यूँ मदहोश हो कर,
दुनिया वाले एक ख़ता (galti)के बदले, सारी वफाँए भुला देते हैं ….
*******
पहले तो मोहब्बत का नशा था दोस्तों,,,,
दिल टूटा के नशे से ही मोहब्बत हो गयी।।
*******
सुना है…!
मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो ‘तुम…’
अरे ओ पागल…?
मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद
करना हो?
*******
तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी;
जा कर पूछ मेरी माँ से कितने लाडले थे हम…
*******
एक लफ्ज़ है मोहब्बत
इसे कर के तो देखो !
तुम तड़प ना जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है मुक़द्दर
इससे लड़ कर तो देखो !
तुम हार न जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है वफ़ा
ज़माने में नहीं मिलती !
कहीं ढून्ढ पाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है आंसू
दिल में छुपा कर तो देखो !
तुम्हारी आँखों से न निकले तो कहना !!
एक लफ्ज़ है जुदाई
इसे सह कर तो देखो !
तुम टूट के बिखर ना जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है खुदा
उसे पुकार कर तो देखो !
सब कुछ पा ना लो तो कहना !!!
*******
हम भी मौजूद थे
तकदीर के दरवाजे पर,……
लोग दौलत पे गिरे,
हमने “तुझे” मांग लिया…….
*******
उसे बेवफ़ा जो बोलूं तो तोहीन है वफ़ा की…
वो वफ़ा निभा तो रही है ! कभी इधर कभी उधर…!!
******
फाँसी लगा ली गिरगिट ने खुदा से ये कहके…
दुनिया में रँग बदलने में इन्सान हमसे आगे हैं ….!!!
*******
जिस कश्ती के मुक़द्दर में हो डूब जाना ___!
तूफानों से बच भी निकले…तो किनारे रूठ जाते हैं..
*******
तुमने क्या सोचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,
पागल छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है मुझे अपने सीने लगाने के लिए…
********
काश कुछ दिनों के लिए,
दुनियाँ को छोड़ जाना मुमकिन होता !
सुना है लोग बहुत याद करते हैं,
दुनियाँ से चले जाने के बाद !!
*******
यूँ तो ये गिलास कितना छोटा है
पर न जाने कितनी बोतलें पी गया होगा…
*******
0 comments: