एक बात पता करनी थी आप से एक शख्श मस्जिद गया छोड़ो किसी पे क्यों अपने ऊपर कहता हु में मस्जिद गया वह जा कर मेने बुजु किया सफ पे जा के खड़ा हुआ कानो तक हाथ उठाये फिर नाफ के पास बांध लिए जौसे हम नमाज़ में बांधते है फिर कुछ देर खड़ा रहने के बाद हाथ घुटनो पे ले गया जैसे हम रूकू में जाते है फिर खड़ा हुआ फिर सजदा किया फिर खड़ा हुआ
दूसरी रकअत में भी ऐसा ही किया ऐसे ही चार रकअत पूरी की लेकिन उस पूरी चार रकअत में मेने बिस्मिल्लाह तक नहीं पड़ी न ही नियत की न ही सुब्हाना पडा जब रूकू में गया तो रूकू की आयत नहीं पढ़ी सज़दे में भी ऐसा ही किया न अतताहीआतु नहीं दुरुद न ही सलाम फेरने पर जो पड़ते है वो पढ़ा
जबकि मुझे सब कुछ मालुम था कहा क्या पड़ते है फिर भी नहीं पड़ा एक अलिफ़ भी नहीं पड़ा
अब आप से मेरा सवाल क्या मेरी नमाज़ हो गयी या नहीं जहा तक मेरा ख्याल है नहीं होगी फिर भी आप से जवाब मांग रहा हु और आपके कॉमेंट का स्क्रीन शाट ले कर अपनी पोस्ट में इस्तेमाल करूँगा इसलिए सोच समझ के जावाब देना
आप सबका सही जवाब आएगा जवाब फिर में आगे की पोस्ट तैयार करूँगा
हकीम दानिश
कुछ काम की बात हो जाये
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