ये है सरदार सूरत सिंह जी खालसा...
में भी आपकी तरह इनको नही जानता था
जान अब्दुल्लाह भाई ने इनका फोटो अपने प्रोफाइल पे लगाया
आपकी तरह मेरे मन में भी सवाल आया को आखिर है कौन ये महाशय..?
सो पूछ लिया अब्दुल्लाह जान भाई से ,
पर इनके बारे में जानते ही में दंग रह क्या । वो क्यों तो जानिये आप भी
मेने पूछा - की यह इतने कमज़ोर क्यों दिख रहे है
अब्दुल्लाह जान - ये 186 दिन से भूख हड़ताल पर है
अपने गाँव हसनपुर पंजाब में...
जान अब्दुल्लाह - इनकी मांग है की सिखों को जेल से रिहा किया जाये
तो में बोल भाई कानून नाम की भी कोई चीज़ होती है ऐसे केसे किसी को भी रिहा कर दे सजा पूरी होने के बाद ही रिहा करेगी सरकार..
इसके बाद जब पता चला की बाबाजी उन लोगो की ही रिहाई की मांग कर रहे है जिनकी सजा पूरी हो चुकी है..
तब जा के माथा ठनका....
जिसकी सजा पूरी हो गयी है उन्हें भी जेल में बंद कर रखा है
ये तो सरासर गलत है
फिर सोचा मीडिया तो आवाज़ उठा रही होगी सरकार ध्यान नही दे रही....
पर पता चला को 6 महीने में एक बार मीडिया ने इसे कवरेज नही दी...
जात-पात से ऊपर उठ कर इन्साफ के लिए आवाज़ उठानी पड़ेगी...
सरकार अल्पसंख्यको के साथ शुरू से ऐसा हो दोगलापन करती आ रही..
84 दंगा हुआ सिख बोले मुस्लिम चुप रहे...
1992 ,2002 हुआ मुस्लिम बोले सिख चुप रहे....
आज फिर सिख की बारी है आज भी हम चुप रहे तो अगली बार ये फिर हमारी नंबर पर चुप रहेंगे...
अकेले चिल्लाने से कुछ नही होगा
मिल कर आवाज़ उठाओ और अपना हक लो...
वेसे ही पोस्ट बहुत लम्बी हो चुकी है इसलिए ख़त्म करता हु
हकीम दानिश
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