जैसे। आम दिन पर मेरी इस बार की ईद तो माशाअल्लाह ऐसी आई के ख़ुशी ही ख़ुशी। क्योंकि
वो मिल गया जिसकी मुझे कबसे तलाश थी।
एक अरसे से जिससे मुझको मिलने की आस थी।
हमारे नसीम आज़मी भाई।
और ज़्यादा ख़ुशी बढ़ गयी जब पता चला हमारे
सलमान भाई भी आ रहे है। बस में इंतज़ार कर रहा था कभी इधर जाता
कभी उधर जाता बार बार मोबाइल में टाईम देखता के अभी तक नहीं आये। और फोन हा भाई कहा हो। फिर आहिस्ता आहिस्ता इंतज़ार ख़त्म हुआ। और मेरे सामने थे। हमारे बहुत प्यारे अज़ीम दोस्त नसीम आज़मी और सलमान खान भाई। इन से मिलके जो ख़ुशी मिली वो इन 15 महीनो में कभी नहीं मिली।
नसीम भाई मिलते ही मुह से एक बात निकाल दी। यार अभी रात में ही वापस होना है। फिर वही पुराना शेर याद आ गया
सिर्फ अहसास दिलाने की ज़रूरत क्या थी।
ऐसे आना था तो आने की ज़रूरत क्या थी।
खैर फिर मिले और घर पे आये काफी बाते की साथ खाना खाया। में तो बस बार बार नसीम भाई को ही देख रहा था। के अब न जाने कब मुलाकात होगी।
और सलमान भाई से भी बहुत बाते की। माशाअल्लाह जैसा सोचा था उससे बहुत बेहतर थे सलमान भाई। सलमान भाई ज़्यादा रुक नहीं पाये वो ड्यूटी से वक्त निकाल के आये थे। और तुरंत ही फोन आ गया। और अलविदा कहना पड़ा। खैर सलमान भाई से पता चला वो तो यहाँ आते ही रहते है। अब इंशाअल्लाह सलमान भाई से तो मुलाकात होती ही रहेगी।
बस फिर क्या हम और नसीम भाई रात भर जागते रहे। और बाते करते रहे। नसीम भाई के साथ वक्त कब गुज़रा पता नही नहीं चला। घंटे ऐसे जा रहे थे जैसे घडी में 440 वोल्ट का करंट लगा दिया हो। और फिर सुबह के 5 बजे लेकिन नींद ही नहीं आ रही थी। फिर कही सुबह 7 बजे सोये। जब आँख खुली तो पता लगा 2.30 बज गए। बस फिर क्या उठे रेडी हुए और थोड़ी बहुत बाते की फिर वक्त ऐ रुख्सत करीब आ गया। और बिछड़ना पड़ा। नसीम भाई ये वक्त हमेशा याद रहेगा। और इंशाअल्लाह जल्द ही मुलाकात भी होगी।
ये सब तस्वीरें 19/07/2015 को है।
एक फोटो जिसमे में हकीम दानिश नसीम आज़मी भाई और सलमान भाई साथ है।
ये तस्वीर नसीम भाई को विदा करते हुए।
में हकीम दानिश और सलमान भाई
इस फोटो में हम तीनो भाई हकीम दानिश सलमान भाई नसीम भाई।
वाकई ये एक
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