कुछ हिन्दू भाइयो का अक्सर सवाल होता हैे के अल्लाह कोन है
इसी सवाल का सादगी भरा जवाब इस पोस्ट में दै रहा हूँ, उम्मीद है मेरे जवाब से हिन्दू भाई सन्तुष्ट होंगे ओर आइन्दा अपने सच्चे मालिक अल्लाह को पहचानेंगे"*अल्लाह-
(अरबी:शब्द- اللہ ، अल्लाह्) अरबी भाषा में ईश्वर के लिये शब्द है। इसे मुख्य तौर मुसलमान और अरब ईसाई प्रयोग करते है सच्चे ईश्वर का उल्लेख करने के लिये।
*इस्लाम में अल्लाह की विचार-
इस्लाम के बुनियादी विचारों और मुसलमान उलेमा धर्म के सामूहिक सहमत के अनुसार, अल्लाह एक अजीमुश्शान हस्ती है, इसके सिवा कोई पूजा, इबादत के योग्य नहीं, उसके लिए कोई छवि (रूप या फोटो या समानता या उदाहरण) नहीं, उसके लिए कोई नजीर (वैकल्पिक या हम पलड़ा) नहीं, उसकी कोई औलाद (बेटा या बेटी) नहीं, उसके कोई माता पिता (इसे बनाने वाला/वाली मां या पिता) नहीं, उसके लिए कोई सअहबह (पार्टनर या पत्नी) नहीं और उसका कोई साझी (संगी या साथी) नही!
*शब्द अल्लाह अरबी शब्द है। अरबी के इलावा अरहमिक, इब्रानी और अन्य सेमेटिक भाशाओं में भी यह शब्द अल्लाह देखा जा सकता है। क़ुरान के अवतरण के पहले से ही यह शब्द प्रयोग में रहा है। हज़रत मुहम्मद के पिता का नाम अब्दुल्लाह था यानी "अल्लाह का बन्दा"। हज़रत मुहम्मद पैदा होने से पहले अब्दुल्ला का देहांत, इन्तेकाल हो गया था। इस का मतलब यह है कि अल्लाह शब्द मुहम्मद या क़ुरान के आने बाद का नहीं है बल्कि पहले का ही है।
*अल्लाह शब्द "अल + इलाह" शब्दों से बना है। इलाह शब्द का अर्थ सेमेटिक भाशाओं मे ओर इब्रानी भाशा और पवित्र ग्रन्थों में भी देखा जा सक्ता है, जिस का अर्थ स्थूल रूप से "ईश्वर" है।
*क़ुरान में अल्लाह का शब्द और विचार-
कुरान की शुरूआत होती है "बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम"। मतलब यह कि "शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से, जो दयालुु और कृपाशील है"। इस पंक्ती में अल्लाह का अर्थ ईश्वर का है, जिसका नाम लेकर कोई भी कार्य शुरू किया जाता है।
*क़ुरान का पहला अध्याय सूरा फ़ातिहा यह प्रकट कर्ता है "अल-हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर-रहमा निर्रहीम"। अर्थात सारी तारीफ उस अल्लाह (ईश्वर) के लिये है, जो सारे जगतों का रब (पालने वाला) है, और वह अत्यन्त दयावान और कृपाशील है।
*क़ुरान का ११२ वां अध्याह सूर: इखलास यह प्रकट करता है
بِسمِ اللَّهِ الرَّحمٰنِ الرَّحيمِ
1. قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ
2. ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ
3. لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ
4. وَلَمْ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدٌۢ
अर्थात-
"अल्लाह (ईश्वर) एक है, वह निर-अवसर और निरापेक्ष है, वह न किसी की संतान है न उसकी कोई संतान है, उसकी समानता करने वाला कोई नहीं, वह महान है।"
इन हेतुवों के अर्थ में देखें तो अल्लाह एक है और सर्वांत्र्यामी, सर्व जगत निर्माता को कहा गया है।
*अल्लाह के निन्यानवे नाम-
गुण, विशेषताओं और विशेषणों के आधार पर अल्लाह के 99 नाम हैं। पूरा विवरण के लिए देखें अल्लाह के निन्यानवें नाम/ अल्लाह के निन्यानवे नाम प्रसिद्ध हैं जिनमें से अधिकांश कुरान में हैं। अल्लाह व्यक्तिगत नाम है और यह निन्यानवे गुणों जामेअ् नाम हैं, अल्लाह के बारे में अधिक विवरण पुस्तकों में मिल सकता है।हकीम दानिश।
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