Tuesday, July 21, 2015

सिलबट्टा और चकले की हक़ीक़त

सिल बट्टा और चकिया की अफवाह और दहशत से बचे
पकड़ा गया रातों रात सिलबटटा टाँकने वाला
बरसाती कीड़ा की है करामात
उरई (जालौन) : रातों रात सिलबटटा और चकिया के अपने आप टंकने की अपवाहों का सिलसिला जारी है। हर शहर और ग्रामों में सिलवटटा और चकिया के टंकने से लोग काफी दहशत में हैं लेकिन एक पत्थर पर बैठे कीड़े ने ऐसी अफवाहों पर विराम लगा दिया, दैनिक जागरण झाँसी के एक जागरूक पत्रकार ने ऐसी पिक्चर अपने कैमरे में कैदर की। जिससे ऐसी अपवाहें और दहशत स्वत: खत्म हो जायेगीं।
चकिया और सिल को एक बरसाती कीड़ा टाँक रहा है। जानकारों के अनुसार इस कीड़े के मुँह में इतने ताकतवर दाँत होते हैं। कि पत्थरों पर निशान बना जाता है।
बीते कई दिनों से दहशत और अंधविश्वास में लोग जी रहे हैं रातों रात घर में रखा।
सिलबटटा और चकिया अपने आप टंकने की घटनाएं घर घर से सुनने को मिल रहीं हैं कोई कह रहा है।
कि कोई जिन्न है।
तो कोई कह रहा कि कोई एलियन है। हालात तो यह हो गये कि दहशत के चलते लोगों ने सिलवटटों को फेक दिया या फिर छत पर रख दिया है। अब तो यह तक अफवाह उड़ रही है।
कि अगर टक टक की आवाज आते समय जिसने भी टोक दिया तो समझो पत्थर का बन जायेगा तो वहीं कई जगह चर्चा है कि जिन घरों में सिलवटटा टंक गया हो वह कुछ लोगों को खाना खिलाये तो टंकी हुई सिल सोने की हो जायेगी।
लेकिन इन सभी अफवाहों पर आखिरकार विराम लग गया। जब दैनिक जागरण झाँसी के डकोर क्षेत्र के पत्रकार ने पत्थर पर एक कीड़े को टक-टक करते देखा जैसे कीड़ा आगे जाता है वैसे वह पीछे टाँके जैसे निशान छोड़ता जा रहा था। काफी देर देखने के पश्चात पूरे पत्थर पर बने निशान को अपने कैमरे में कैद कर लिया। बताते हैं कि यह कीड़ा पत्थर को खाता है जिसके चलते यह निशान बन जाते हैं।

फोटो परिचय- पत्थर को टाँकता बरसाती कीड़ा अब बेकार की बातो पे ध्यान न देना।
ये पत्थर को अपने दाँतों से खाता कीड़े का फोटो देख सकते है आप
हद है यार।
बस कुछ दिखा नहीं के रोना पीटना शुरु
#हमारे_देश_का_अन्धविश्वाश
हकीम दानिश

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